News & Views

Life Journey And journalism

झारखंड में किसकी सरकार बनेगी ?

आप भी खाली हेडलाइन
पढ़कर आ गये हैं तो मलब चुनाव परिणाम से पहले आप भी जानना चाहते हैं कौन जीतेगा.
चिंता मत कीजिए आप सिर्फ नहीं है कई लोग हैं जो पूछते हैं, भैया
फलां सीट पर कौन जीतेगा. फलां पार्टी को कितनी सीट आयेगी ?
आम सवाल हैं, सबसे पूछे जाते हैं
लेकिन पत्रकारों से कुछ ज्यादा हीं ऊपर से उम्मीद ये भी कि आपका आंकलन बिल्कुल सटीक
होगा. अगर नहीं हुआ तो चुनाव परिणाम के बाद आपके आंकलन पर चर्चा अलग है, अरे भाई
पत्रकार हैं ज्योतिष थोड़ी ही ना हैं. 




किसी भी चुनाव में किसी पार्टी, उम्मीदवार की जीत हार के आंकलन का तरीका क्या है
यही ना कि पिछली बार हार और जीत का अंतर निकाल लिया जाए, पार्टी ने कैसा काम किया,
उम्मीदवार कैसा है और जनता की मिजाज क्या है इसे मिलाकर एक परिणाम तक पहुंच जाया
जाए. अब इनमें से सबसे ज्यादा अहम है जनता का मिजाज तो भाई साब हम और आप दोनों
सिर्फ जनता तो नहीं हैं. पत्रकार होने का फायदा यह है कि आप लगभग हर इलाके के
लोगों के साथ संपर्क में रहते हैं कोशिश करते हैं कि मिजाज समझ सकें फिर भी कई बार
आप फेल हो जाते हैं.




अब जरा और विस्तार से
समझिये, जरा याद कीजिए की कौन सा ओपिनियन पोल, एग्जिट पोल आपने सही पाया है आजकल.
वहां भी तो सर्वे ही होता है जनता का मिजाज टटोलने की कोशिश होती है लेकिन वोटर भी
समझदार है अपना फैसला बिल्कुल नहीं बताते. सब बता देते हैं उम्मीदवार या किस पार्टी
को वोद देंगे बड़ी समझदारी से छुपा लेते हैं.



अब आप ही बताइये आंकलन
किया जाए तो कैसे इसलिए चुनाव से पहले ज्योतिष से बात कर लीजिए. ग्रह – नक्षत्र और
तारों के आधार पर वह जरूर बता देंगे कि किस पार्टी के, उम्मीदवार के कुंडली में
ग्रह उनके जीत के पक्ष में हैं पत्रकारों से तो यह सवाल करना बंद ही कर दीजिए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *