सफर लंबा है लेकिन हर पड़ाव से यादें
जुड़ी हैं, आज प्रभात खबर के सफर में एक पड़ाव पर पहुंचा तो महसूस हुआ कि जरूरी है
कि इसे भी लिखकर रखा जाए, कल किसने देखा है कि रास्ते कहां से अलग हो और मंजिल
अलग- अलग हो. ये बस इसलिए लिख रहा हूं कि कभी बुढ़ापे में बैठे- बैठे अपने सफर का
पन्ना पलटने लगूं तो यह चैप्टर भी याद रहे.
जुड़ी हैं, आज प्रभात खबर के सफर में एक पड़ाव पर पहुंचा तो महसूस हुआ कि जरूरी है
कि इसे भी लिखकर रखा जाए, कल किसने देखा है कि रास्ते कहां से अलग हो और मंजिल
अलग- अलग हो. ये बस इसलिए लिख रहा हूं कि कभी बुढ़ापे में बैठे- बैठे अपने सफर का
पन्ना पलटने लगूं तो यह चैप्टर भी याद रहे.
साल 2012 से प्रभात खबर से जुड़ा
हूं. अगर तकनीकी तौर पर कहूं, तो यह मेरी दूसरी नौकरी है. 2017 के मई महीने के
दूसरे सप्ताह में संजय सर ने प्रभात खबर डॉट कॉम को सोशल प्लेटफॉर्म पर लाने का आदेश
दिया. मैंने प्रभात खबर का युट्यूब चैनल, फेसबुक, इंस्टाग्राम और टिवटर भी उसी
वक्त बनाया, जहां परेशानी हुई संजय सर ने रास्ता दिखाया. खूब मेहनत हुई हम फेसबुक,
टिवटर पर चैनल को वेरिफाइड कराने में सफल रहे, हालांकि फेसबुक पहले से था लेकिन उस
पर कोई काम नहीं हुआ था. सोशल साइट की जिम्मेदारी उस वक्त मुझ पर थी. फेसबुक लाइव
की शुरूआत हो चुकी थी, ये वह दौर था जब झारखंड में किसी अखबार, न्यूज चैनल ने इसकी
शुरुआत नहीं की थी. फेसबुक पर पहला लाइव अबतक याद है, कितना डरा हुआ था मैं, गलती
की कोई गुजांइश नहीं थी सब लाइव…
हूं. अगर तकनीकी तौर पर कहूं, तो यह मेरी दूसरी नौकरी है. 2017 के मई महीने के
दूसरे सप्ताह में संजय सर ने प्रभात खबर डॉट कॉम को सोशल प्लेटफॉर्म पर लाने का आदेश
दिया. मैंने प्रभात खबर का युट्यूब चैनल, फेसबुक, इंस्टाग्राम और टिवटर भी उसी
वक्त बनाया, जहां परेशानी हुई संजय सर ने रास्ता दिखाया. खूब मेहनत हुई हम फेसबुक,
टिवटर पर चैनल को वेरिफाइड कराने में सफल रहे, हालांकि फेसबुक पहले से था लेकिन उस
पर कोई काम नहीं हुआ था. सोशल साइट की जिम्मेदारी उस वक्त मुझ पर थी. फेसबुक लाइव
की शुरूआत हो चुकी थी, ये वह दौर था जब झारखंड में किसी अखबार, न्यूज चैनल ने इसकी
शुरुआत नहीं की थी. फेसबुक पर पहला लाइव अबतक याद है, कितना डरा हुआ था मैं, गलती
की कोई गुजांइश नहीं थी सब लाइव…
आज भी वही डर महसूस करता हूं, जब
लाइव आता हूं. कम संसाधन में संजय सर ने जिस तरह काम करने का हौसला दिया, उत्साह
भरते रहे वह कमाल का था. संजय सर ने प्रभात खबर में नौकरी दी है और यह सिखाया भी
है कि कैसे हौसले के आगे संसाधन के बहाने बौने हो जाते हैं.
लाइव आता हूं. कम संसाधन में संजय सर ने जिस तरह काम करने का हौसला दिया, उत्साह
भरते रहे वह कमाल का था. संजय सर ने प्रभात खबर में नौकरी दी है और यह सिखाया भी
है कि कैसे हौसले के आगे संसाधन के बहाने बौने हो जाते हैं.
प्रभात खबर के प्रधानसंपादक श्री
आशुतोष चतुर्वेदी सर ने लोकसभा चुनाव के
वक्त बिहार, झारखंड और बंगाल का दायरा तोड़कर मुझे उत्तर प्रदेश की अहम सीटों पर
रिपोर्टिंग के लिए भेजा था. मैंने अपने मोबाइल और एक सेल्फी स्टिक से चुनाव कवर किया. उस वक्त भी हम लगातार फेसबुक लाइव और यूट्यूब वीडियो के जरिये दर्शकों से जुड़े रहे. दर्शकों की प्रतिक्रिया भी हमारा उत्साह बढ़ाती
रही. मेरे लिए यह अनुभव बिल्कुल नया अनुभव था..
आज यह सब इसलिए लिख रहा हूं
क्योंकि प्रभात खबर के यूट्यूब चैनल ने
नया मुकाम हासिल किया है. हमारा सफर जीरो से लेकर पचास हजार तक पहुंचा है. इन आठ
सालों में हम दूसरी वेबसाइट को टक्कर दे रहे हैं ना सिर्फ यूट्यूब के जरिये बल्कि
दूसरे सोशल प्लेटफॉर्म भी लोग हमारे साथ जुड़ रहे हैं. फेसबुक पर एक 1 लाख 18 हजार
से ज्यादा लोग हैं. यूट्बूय पर हम 53 हजार हैं औऱ दूसरे सोशल प्लेटफॉर्म पर भी
लगातार संख्या बढ़ रही है.
क्योंकि प्रभात खबर के यूट्यूब चैनल ने
नया मुकाम हासिल किया है. हमारा सफर जीरो से लेकर पचास हजार तक पहुंचा है. इन आठ
सालों में हम दूसरी वेबसाइट को टक्कर दे रहे हैं ना सिर्फ यूट्यूब के जरिये बल्कि
दूसरे सोशल प्लेटफॉर्म भी लोग हमारे साथ जुड़ रहे हैं. फेसबुक पर एक 1 लाख 18 हजार
से ज्यादा लोग हैं. यूट्बूय पर हम 53 हजार हैं औऱ दूसरे सोशल प्लेटफॉर्म पर भी
लगातार संख्या बढ़ रही है.
आठ साल के सफर में मैंने इतना कुछ
सीखा है कि शब्दों में बयां करना मुश्किल है. हर वक्त सुधार की जरूरत होती है, हम
में भी है. अब सोशल साइट पर कई नये चैप्टर जुड़ रहे हैं जैसे हलो एप, शेयरचैट जैसे
माध्यम के साथ भी प्रभात खबर डॉट कॉम काम कर रहा है. उम्मीद है कि इस सफर में कई
और अहम पड़ाव इंतजार कर रहे होंगे, बस प्रार्थना है कि ऊपर वाला निरंतर चलते रहने
का उत्साह दे…
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