News & Views

Life Journey And journalism

मोदी लहर या मोदी हुनर पर सवार है भाजपा

नरेंद्र मोदी संग अर्जुन मुंडा

भारतीय जनता पार्टी की मार्केटिंग स्कील की तारीफ कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत लगभग सभी विरोधी पार्टियों के नेता कर चुके हैं. लोकसभा चुनाव में पार्टी ने मार्केटिंग स्कील के दम पर जनता पर जो प्रभाव छोड़ा उसका परिणाम हम सबके सामने है. हालांकि हममे से कई लोग यह भी मानेंगे की जनता महंगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस सरकार घिर गयी थी.  प्रधानमंत्री नरेंदमोदी को इससे पहले केंद्र में काम का अनुभव नहीं रहा. इसके बावजूद भी उन्होंने देश के साथ- साथ विदेशों में भी दमदार प्रधानमंत्री के रूप में खुद को साबित कर दिया. मोदी ने अलफॉन्स एरीना में भारतीयों को संबोधित किया.

जापान में ढोलक की थाप पर थाम मिलाते नजर आये. कई विदेशी दौरे पर में मोदी लोगों को प्रभावित करने में कोई कोस कसर नहीं छोड़ी . यह उनका तरीका था लोगों के साथ जुड़ने का. उनका लोगों से जुड़ने का कुछ ऐसी ही  तरीका विधानसभा चुनाव में पार्टी ने भी अपनाया . झारखंड में तीसरे चरण के मतदान में कुल 61 फीसदी वोटिंग हुई. एक नये मतदाता के रूप में मैंने भी लोकतंत्र के इस महापर्व  को एक नये चश्मे से देखा जहां पार्टियों का मैनेजमेंट बुथ स्तर से लेकर हमारे घर तक था.

झारखंड विधानसभा चुनाव में सभी पार्टियां जीत के लिए कमर कसकर तैयार हैं लेकिन शायद लोकतंत्र के इस महापर्व में जीत उसी पार्टी की होगी जिसके पास मैनेजमेंट के गुर हैं. हमारे घर के सामने ही भाजपा का कार्यकाल खुला शाम को जब दफ्तर के काम के बाद घर वापस पहुंचा तो देखा मतदाता जागरूकता के साथ साथ भाजपा प्रत्याशी सीपी सिंह को वोट देने की अपील के साथ एक पेपर मेरे बिस्तर पर रखा है. पता चला कि इस तरह के पेपर पूरे मुहल्ले में बांटे गये हैं. हमारे ही महुल्ले में पार्टी का कार्यालय खुल रहा है शाम को सभी को वहां उपस्थित रहने का निमंत्रण भी दिया गया. प्रचार का क्या शानदार तरीका था हालांकि कुछ लोग मानेंगे की नेताओं के प्रचार का पंपलेट घर पहुंचता है पर पार्टी के मतदाता कार्यालय खुलने पर किसी भी पार्टी का निमंत्रण तो मुझे नहीं मिला. मतदान की परची भी भाजपा के लिफाफे में बंद होकर घर तक पहुंची. जिसपर भाजपा प्रत्याशी को वोट देने की अपील थी. जाहिर है ये सिर्फ मेरे घर तक नहीं पहुंचा होगा पूरे मुहल्ले में सभी को यही सेवा मिली होगी.

नरेंद्र मोदी अपनी रैली भी बहुत सोच समझकर रखते हैं चुनाव के आसपास का दिन या ठीक चुनाव के दिन जब दूसरे जिलों में मतदान चल रहा है लोकल और राष्ट्रीय चैनल मोदी को लाइव दिखा रहे हैं. मतलब मतदान केंद्र तक पहुंचते- पहुंचते आपको मोदी की आवाज दुकानों में रखे टीवी सेट के जरिये सुनायी दे रही है. 9 दिसंबर के दिन सुबह आंख खुलते ही नरेंद्र मोदी की बड़ी सी तस्वीर के साख अखबार मेरे सिराहने रखा था जिस पर आज भाजपा को पूर्ण बहुमत देने की अपील है.

अब आंख खुलते ही कोई हाथ जोड़कर भारत का प्रधानमंत्री मतदान के लिए अनुरोध करेगा तो कैसा लगेगा भले ही तस्वीर में क्यों ना हो इसे मार्केटिंग और प्रचार का नया तरीका नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे. कई राज्य नरेंद्र मोदी के लहर पर सवार होकर जीत का सफर तय करने में कामयाब रही. अब आप ही सोचिये या तो यह विश्वास की लहर है जिसके कारण जनता किसी पार्टी को एक व्यक्ति के चेहरे और गुजरात के मुख्यमंत्री के पद पर किये काम  के आधार पर वोट करेगी या फिर प्रचार का नया तरीका जिसके दम पर पार्टी लोगों को प्रभावित करने में सफल हो रही है उस आधार पर.

संस्कृत आवासीय विद्यालय

दूसरी पार्टियां करोड़ो खर्च करने के बाद भी प्रचार का इतना दमदार तरीका अपना नहीं पायी. इस विधानसभा चुनावों के  परिणाम के बाद एक बार फिर मीडिया में सफलता और असफलता पर एक बड़ी बहस चलेगी जो जीत जायेंगे उनके अपने कारण होंगे. जो हार जायेंगे उनके अपने. जरा अनुमान लागते हैं,…. अगर राष्ट्रीय पार्टी के होंगे तो अपने मुखिया को जीत का ताज पहनायेंगे और हार गये तो खूद यह इल्जाम ले लेंगे. अगर छोटी पार्टियां अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब रही तो छोटे नेता भी अपनी प्रतिभा का बखान करते नहीं थकेंगे और हार गये तो पार्टी के मुखिया के कार्यकाल की कमियां गिना देंगे. 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *