क्या कर लेगा भारत ?
देश दामनी के दामन में लगे दाग भुला भी नहीं पाया था, सरकार
अपने अदरूनी मामलों को ठिक करने में लगी
थी, नये कानून बनाने या पुराने कानून पर संशोधन की बात कर रही थी . तभी पाक ने इस दर्द में नमक डालते हुये देश की एक और
कमजोरी को जाहिर कर दिया. पाक के सैनिकों ने देश में घुसपैट कराने के लिए भारतीय सैनिकों
को गुमराह करने की कोशिश की और इसे अंजाम देने के लिए हमारे शेर जवान का सिर काट
कर ले गये . भारत संयुक्त राष्ट्र के सामने इस घटना की तुतरी बचाने के अलावा कुछ
नहीं कर पाया . जवान की शहादत का आलम यह था कि उसकी लाश भी पुरी तरह घर नहीं आ
पाया. अब शहीद के घर वाले अपने बेटे के सम्मान की मांग कर रहे है और करे भी क्युं
ना अपने बेटे के अंतिम बार दर्शन की इच्छा भला किस वीर परिवार को नहीं होगी परिवार
जन भुखहड़ताल पर बैठे रहे पर उन्हें क्या पता कि गांधी के इन हथियारों से सरकार तक
आवाज नहीं पहुंचती .
भारत अपने शहीद के
सिर की तलाश उस जगह पर करती रही जहां जवान
शहीद हुआ था . अब भारत में इतनी क्षमता भी नहीं कि मां कि रोती बिलखती आवाज को सुनकर उसके शहीद
बेटे का सिर ला के दें सकें . क्या हम इस काविल भी नहीं. देश की इस हाल पर
हमारे माननीय नेता का ऐसा फरमाना कि शव पहूंच गया वो बड़ी बात है. अब देश इनसे
उम्मीद भी क्या रखें आखिर चुना तो हम सभी ने है . अब देश जिन महानुभओं के हाथों
में है वो सिर्फ बयान दे रहे कि हमें इस तरह की उम्मीद नहीं थी अब दुश्मन तो आपकी
उम्मीदों के अनुसार काम नहीं करेगा ना . पाक सैनिक एक बात अच्छी तरह समझते है और
सीना ठोक कर कहते है कि हमारे पास हमेशा फायर के आदेश होते है और तुम्हें(भारत)
इजाजत लेनी पड़ती है वो फायरिंग करते है और हम आदेश का इंतजार बस . इतना होने के
बाद भी हम पाकिस्तानी गायक , क्रिकेटर , नेता का स्वागत में कोई कोर कसर नहीं
छोड़ते हमें तो मेहमाननवाजी की पुरानी आदत है भला मेहमान को कब तक भगवान समझगें जो
यहां से बाह जाकर दुश्मन का रूप ले लेता है .हम तो आतंकवादियों को भी सालों से पाल
रहे है अगर कोई आंतकी की डेंगु जैसी खतरनाक बिमारी से मौत हो जाती है तो देश के
सामने जवाब देने के लिए उसे फांसी पर लटकाने का नाटक कर लेते है हमलोगों में इतनी
हिम्मत भी नहीं कि जिसने ना जाने कितने निर्दोष लोगों की हत्या कि उन्हें सरेआम फांसी
पर लटका कर दुश्मन को कड़ा जवाब दे सकें . अब हमारी इन हरकतों से उनकी हिम्मत तो
बढती ही है .बयानबाजी और नराजगी तो सालों से चलती आ रही है हर बार उनकी ऐसी टुच्ची
हरकते हमारी नराजगी और फिर सुलह के साथ
शांति और मिलन के गीत गाने शुरू हो जाते है . अब सबको उनकी धोखेबाजी समझ आने लगी
है . हमसे दो बार लड़ कर हार चुका पाक फिर कहता है कि क्या कर लेगा भारत, अरे
पाकिस्तान अगर जानना है कि कया कर लेगा भारत तो जरा फेसबुक वाले से पुछो , जो तुम्हारे
सैनिक डर कर भाग गये उनसे पुछो .भारत के एक किसी भी बच्चे से पुछ ले .
अपने अदरूनी मामलों को ठिक करने में लगी
थी, नये कानून बनाने या पुराने कानून पर संशोधन की बात कर रही थी . तभी पाक ने इस दर्द में नमक डालते हुये देश की एक और
कमजोरी को जाहिर कर दिया. पाक के सैनिकों ने देश में घुसपैट कराने के लिए भारतीय सैनिकों
को गुमराह करने की कोशिश की और इसे अंजाम देने के लिए हमारे शेर जवान का सिर काट
कर ले गये . भारत संयुक्त राष्ट्र के सामने इस घटना की तुतरी बचाने के अलावा कुछ
नहीं कर पाया . जवान की शहादत का आलम यह था कि उसकी लाश भी पुरी तरह घर नहीं आ
पाया. अब शहीद के घर वाले अपने बेटे के सम्मान की मांग कर रहे है और करे भी क्युं
ना अपने बेटे के अंतिम बार दर्शन की इच्छा भला किस वीर परिवार को नहीं होगी परिवार
जन भुखहड़ताल पर बैठे रहे पर उन्हें क्या पता कि गांधी के इन हथियारों से सरकार तक
आवाज नहीं पहुंचती .
भारत अपने शहीद के
सिर की तलाश उस जगह पर करती रही जहां जवान
शहीद हुआ था . अब भारत में इतनी क्षमता भी नहीं कि मां कि रोती बिलखती आवाज को सुनकर उसके शहीद
बेटे का सिर ला के दें सकें . क्या हम इस काविल भी नहीं. देश की इस हाल पर
हमारे माननीय नेता का ऐसा फरमाना कि शव पहूंच गया वो बड़ी बात है. अब देश इनसे
उम्मीद भी क्या रखें आखिर चुना तो हम सभी ने है . अब देश जिन महानुभओं के हाथों
में है वो सिर्फ बयान दे रहे कि हमें इस तरह की उम्मीद नहीं थी अब दुश्मन तो आपकी
उम्मीदों के अनुसार काम नहीं करेगा ना . पाक सैनिक एक बात अच्छी तरह समझते है और
सीना ठोक कर कहते है कि हमारे पास हमेशा फायर के आदेश होते है और तुम्हें(भारत)
इजाजत लेनी पड़ती है वो फायरिंग करते है और हम आदेश का इंतजार बस . इतना होने के
बाद भी हम पाकिस्तानी गायक , क्रिकेटर , नेता का स्वागत में कोई कोर कसर नहीं
छोड़ते हमें तो मेहमाननवाजी की पुरानी आदत है भला मेहमान को कब तक भगवान समझगें जो
यहां से बाह जाकर दुश्मन का रूप ले लेता है .हम तो आतंकवादियों को भी सालों से पाल
रहे है अगर कोई आंतकी की डेंगु जैसी खतरनाक बिमारी से मौत हो जाती है तो देश के
सामने जवाब देने के लिए उसे फांसी पर लटकाने का नाटक कर लेते है हमलोगों में इतनी
हिम्मत भी नहीं कि जिसने ना जाने कितने निर्दोष लोगों की हत्या कि उन्हें सरेआम फांसी
पर लटका कर दुश्मन को कड़ा जवाब दे सकें . अब हमारी इन हरकतों से उनकी हिम्मत तो
बढती ही है .बयानबाजी और नराजगी तो सालों से चलती आ रही है हर बार उनकी ऐसी टुच्ची
हरकते हमारी नराजगी और फिर सुलह के साथ
शांति और मिलन के गीत गाने शुरू हो जाते है . अब सबको उनकी धोखेबाजी समझ आने लगी
है . हमसे दो बार लड़ कर हार चुका पाक फिर कहता है कि क्या कर लेगा भारत, अरे
पाकिस्तान अगर जानना है कि कया कर लेगा भारत तो जरा फेसबुक वाले से पुछो , जो तुम्हारे
सैनिक डर कर भाग गये उनसे पुछो .भारत के एक किसी भी बच्चे से पुछ ले .
हमारी सरकार भी जानती है कि अगर भारत के सैनिको ने कस कर
आवाज लगा दी सारा पाक बहरा हो जाएगा . बस हमारे शेर सैनिको को पिजरें से बाहर
निकलने की देर है . खुन खराबा भारत नहीं
चाहता पर छाती में चढ कर नाच तो एक सुखडु आदमी भी बर्दाषत नहीं करता .अपनी ताकत का
अहसास करायें भी बहूत दिन हो गये, पाक को यह बताना भी जरूरी है कि क्या कर लेगा
भारत
आवाज लगा दी सारा पाक बहरा हो जाएगा . बस हमारे शेर सैनिको को पिजरें से बाहर
निकलने की देर है . खुन खराबा भारत नहीं
चाहता पर छाती में चढ कर नाच तो एक सुखडु आदमी भी बर्दाषत नहीं करता .अपनी ताकत का
अहसास करायें भी बहूत दिन हो गये, पाक को यह बताना भी जरूरी है कि क्या कर लेगा
भारत
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