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आपकी हत्या कर सकती है या आपको हत्यारा बना सकती है एक अफवाह

एक तरफ मदद मांगसे साधु और दूसरी तरफ उनका पार्थिव शरीर 
एक वीडियो कुछ दिनों से परेशान कर रहा है. भगवा वस्त्र पहने दो लोग इधर – उधर भाग रहे हैं. चीख रहे हैं,सामने पुलिस वाले खड़े हैं उनसे मदद मांग रहे हैं. इन सबके बीच बहुत सारे लोग बड़ी बेरहमी से उन पर डंडे बरसा रहे हैं. कोई लात मार रहा है. परेशान करने वाली यह तस्वीर आपके आंखों के सामने से गुजरी है तो समझ लीजिए अफवाह किसी की भी जान ले सकती है, किसी की भी… आपकी भी
बाल कांड में बाल होने की अफवाह ने अच्छे खासे पढ़े लिखे लोगों को  रामायण पलट कर बाल कांड में बाल ढूंढने पर मजबूर कर दिया. यह सिर्फ एक अफवाह नहीं है ऐसी कई अफवाहें आपके आस पास से हर रोज गुजरती है. चोटी काटने वाली अफवाह याद है… हम और आप इस तरह की अफवाह हर रोज सुनते हैं व्हाट्सएप पर पढ़ते हैं. कई अफवाह किसी  धर्म से जुड़ी हो,तो सवाल आस्था का हो जाता है. ऐसे में इन अफवाहों पर बात सच्चाई की नहीं आपके विश्वास की हो जाती है. 
याद है एक व्यक्ति ने रजरप्पा मंदिर में अपना सिर काटकर चढ़ा दिया था. याद है बच्चा चोरी और गौ तस्करी के अफवाह ने कितनों की जान ली है. एक व्यक्ति ने हाल में ही अपनी जीभ भगवान को अर्पित कर दी उसे लगा इससे कोरोना भाग जायेगा. एक गांव में 60 परिवार गांव से बाहर रहने लगा कारण था कि उस परिवार की एक महीला के सपने में माता आयी और कहा, गांव के बाहर रहोगे तो कोरोना गांव तक कभी नहीं पहुंचेगा. अफवाह की वजह से ही डॉक्टरों पर हमले के मामले बढ़े. इस वक्त जहां अफवाह पर नियंत्रण की बात कही जा रही है तो हर रोज कोई नयी अफवाह फैल रही है.  अफवाह में इतनी ताकत है कि वो किसी से हत्या तक करा सकती है.
महाराष्ट्र के पालघर में क्या हुआ ? कैसे दो साधुओं की हत्या कर दी गयी ? जवाब है अफवाह ने. बच्चा चोरी की एक अफवाह जिसने गांव वालों को अंधा बना दिया 400 लोगों की भीड़ ने 35 साल के सुनील गिरी महाराज औऱ 70 साल के चिकड़े महाराज को मार डाला साथ में मारा गया कार का ड्राइवर. 
बच्चा चोरी की अफवाह ने पूरे गांव को सोने नहीं दिया था. इस अफवाह की दस्तक कई बार सुनायी दी लेकिन इसे किसी ने गंभीरता से नहीं लिया यह पहली बार नहीं था जब गांव के लोग इस अफवाह की वहज से हिंसक हुए थे इससे पहले कासा पुलिस थाना की पुलिस की टीम प पथराव हुआ था. एडिशनल एसपी पर हमला हुआ, इसी अफवाह में आकर गांव वालों ने एक डॉक्टर पर भी हमला कर दिया था.  उस वक्त भी पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. 
मुंबई के कांदीवाली में रहने वाले जूना अखाड़ा के दो साधु अपने परिचित की मौत के बाद अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे थे. रास्ते में वन विभाग के नाके पर रोके गये.  पुलिस की मौजूदगी में अफवाह ने  दो साधु और उनके ड्राइवर की जान ले ली.  पुलिस वाले मौजूद थे लेकिन इन तीनों को नहीं बचा सके. हत्या के बाद अफवाह रूकती नहीं है कई और चली जाती है इस अफवाह में तीन लोगों की हत्या तो हुई साथ ही 101 लोगों की गिरफ्तारी हुई 9 नाबालिग जिन्हें बाल सुधार गृह भेज दिया गया. अफवाह इंतजार करती है कि कब बाल कांड में बाल ढुढ़ने वाले बड़ी अफवाह के घेरे में आकर हत्यारें बनेंगे. 

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