मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन |
अनलॉक कैसा होना चाहिए ? झारखंड की जनता मुख्यमंत्री को सलाह दे रही है. उम्मीद है कि मुख्यमंत्री इन सलाहों को ध्यान में रखेंगे लेकिन उनके फेसबुक पर ही जनता उनसे सवाल भी कर रही है. सलाह और सवाल का यह सिलसिला फेसबुक पर खूब चल रहा है, जनता इन सवाल के साथ उन्हें उनके वादे भी याद दिला रही है. यह भी उम्मीद की जानी चाहिए कि मुख्यमंत्री उन वादों को भी ध्यान में रखेंगे.
मुख्यमंत्री ने झारखंड आंदोलनकारियों को सम्मान दिलाने वाले फैसले की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की. लिखा “अपने किए हर वादे को पूरी करने को मैं संकल्पित हूं ” इस पोस्ट ने एक बार फिर उन सभी लोगों में उम्मीद पैदा कर दी, जो मुख्यमंत्री वादे से आस लगाये बैठे हैं, फेसबुक पर किये गये इस पोस्ट के नीचे किया गया कमेंट असल में मुख्यमंत्री को देखना चाहिए. इस फेसबुक पोस्ट पर 764 कमेंट हैं, इसमें से ज्यादातर लोगों ने मुख्यमंत्री को उनके वादे याद दिलाये हैं.
अब मुख्यमंत्री है इतना वक्त तो है नहीं कि बैठकर 764 कमेंट पढ़ते रहें, उनके सोशल मीडिया वाले भी पता नहीं उनतक यह पहुंचायेंगे या नहीं, तो यह बड़ी जिम्मेदारी हमने अपने नाजुक कांधे पर ले ली है. हम उनके लिए ये काम आसान कर देते हैं वैसे भी एक पत्रकार का और काम ही क्या है ? जनता की बात सरकार तक पहुंचाना शायद यही नहीं हो रहा तभी तो उन्हें सीधे जनता से सलाह लेना पड़ रहा है, खैर कुछ सवाल जो लोगों ने सीएम से पूछा है . हम सोशल मीडिया के जरिये ही उनके सामने रखने की कोशिश करेंगे. मैंने देखा है, मुख्यमंत्री जी ट्वीट पर प्रतिक्रिया भी दे देते हैं, कई पत्रकारों को फॉलो भी करने लगे हैं, हालांकि वो बड़े पत्रकार लोग हैं लेकिन फिर भी उम्मीद रखिये कि वो आपके सवालों के जवाब भी एक ट्वीट में दे देंगे. जैसे वादों के लिए उम्मीद रखी है वैसे ही ट्वीट के लिए भी रखिये.
दो साल की मिलनी चाहिए उम्र में छूट
मुख्यमंत्री के इस फेसबुक पोस्ट पर पर नौकरी की संतोष कुमार लिखते हैं, सामान्य भर्ती /नियुक्ति… जो सरकारी पद खाली है विज्ञापन नही निकलने से उम्र तो गयी ही साथ मे युवा वर्ग में अशांति है. लगभग 2 साल कोरोना ने उम्र को खाया है 2021 नियुक्ति वर्ष में 2 साल की छूट मिलनी चाहिए. रोष को खत्म करके सकारात्मक दिशा देने की कोशिश होनी चाहिए.
विस्थापन की समस्या का क्या हुआ सीएम साहब
रविंद्र महतो राज्य में विस्थापन की समस्या को सामने रखते हुए लिखते हैं, आपने सरकार बनने के बाद ही एक “बिस्थापन आयोग” का गठन कर ठोस कदम उठाने की वादे किए थे. उसपर भी कुछ निर्णय लेने की कृपा करें.
पुरानी पेंशन योजना लागू करने का वाद था, क्या हुआ
मनीष पूछते हैं आपने कैबिनेट की पहली मीटिंग में कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने का वादा किया था उसका क्या हुआ ?
किस वादे की बात कर रहे हैं आप ?
सोमनाथ लिखते हैं, आपने एक भी वादा अभी तक पूरा नहीं किया है सर बेरोजगारी भत्ता ,बिजली फ्री, कृषि ऋण माफ,ना ही रोजगार, ओर बहुत सारे चीज हैं जिसपे आपने काम नहीं किया है फिर किस वादा की बात कर रहे हैं आप ? सोनू महली लिखते हैं, पंचायत स्वयं सेवकों का मानदेय देने का आपका वादे कहा गया ? सर कब लागू कर रहे हैं
सीएम साहेब आप प्रयास करते, तो रोजगार का सपना पूरा हो जाता
पंकज सिंह लिखते हैं, सबसे बड़ी घोषणा आपने की थी कि हर घर रोजगार होगा जितने व नियुक्ति रुकी हुई है सब पूरे होंगे और हर वर्ष नियुकितियों का वर्ष होगा,सर हमे लग रहा था कि जो आपने बोला है वो चुनावी जुमला है परंतु इस बात पे भी भरोसा था कि जो आपने कहा उसका 50% भी अगर आप बहाली करते हैं तो लगभग बहुत सारे मेरे जैसे प्रयास रत छात्रों का सरकारी नौकरी पाने का सपना पूरा हो जाएगा.
आपकी नियुक्ति वर्ष मौत की कगार पर खड़ा है
राहत दास मुख्यमंत्री से पूछते हैं , यहां बेरोजगारों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है आपका #नियुक्ति_वर्ष मौत के कगार पर है ओर आप आते है जले पे नमक लगाने . नरेंद्र सिंह पूछते हैं, पारा शिक्षकों को किया गया वादा स्थायीकरण एवं वेतनमान का क्या हुआ? जो आपको सत्ता दिलाने के लिए काफी प्रयास किए.
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