झारखंड लव जिहाद, रंजीत कोहली और तारा शाहदेव |
इस सप्ताह के एपिसोड में 9 साल से चली आ रही एक लंबी कानूनी लड़ाई की कहानी जो मीडिया की सुर्खियों में रही। एक पावरफुल व्यक्ति तो सत्ता, शासन और कोर्ट के इतने करीब रहा कि उसकी गिरफ्तारी के बाद उस पर कई गंभीर आरोप लगे।
9 साल बाद राष्ट्रीय स्तर की शूटर रह चुकी तारा शाहदेव को न्याय मिला है। तारा शाहदेव का मामला इसलिए भी अहम है क्योंकि देश में लव जिहाद जैसे शब्द जिन घटनाओं की वजह से गढ़े गये या बने उनमें से एक ये भी मामला शामिल था। तारा शाहदेव ने खुद कई इंटरव्यू में कहा कि उन्हें नहीं पता था कि लव जिहाद जैसा कोई शब्द होता है उन्हें मीडिया से पता चला।
दूसरी बड़ी वजह है कि 9 साल से चली आ रही एक लंबी लड़ाई अंजाम तक पहुंची है। तीसरी और सबसे खास वजह यह समझने के लिए कैसे एक रसूकदार आदमी जिसकी शादी में राज्य के कई दिग्गज नेता अधिकारी पहुंचे थे। रंजीत कोहली ऊर्फ रकीबुल हसन पावरफुल था लेकिन अंजाम क्या हुआ ? सत्ता, पावर का नशा आपके सारे पाप नहीं धो देता। झारखंड में उदाहरण तो भरे पड़े हैं। इस मामले में रकीबुल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गवाह बनाया था। आज इस मामले को शुरू से समझेंगे पूरी कहानी जानेंगे। कहानी की शुरुआत से लेकर अंजाम तक
रकीबुल से कहां मिली तारा
इस कहानी की शुरुआत मानी जानी चाहिए जब रंजीत कोहली ऊर्फ रकीबुल हसन की तारा शाहदेव से मुलाकात हुई। रांची के होटवार स्टेडियम में दोनों मिले। बताया जाता है कि तारा शाहदेव की मां के निधन के बाद ही रंजीत कोहली उसके जीवन में आ गया। तारा मां के निधन के बाद टूटी थी तो रंजीत ऊर्फ रकीबुल उसका सहारा बना। रंजीत उसे शादी के लिए प्रभावित करने के कई हथकंडे अपनाता था. वह अफसरों के साथ महंगी गाड़ियों में शूटिंग रेंज पर आता था। तारा ने शादी के लिए हां कर दिया।
शादी के दूसरे दिन ही धर्म बदलने का दबाव
7 जुलाई, 2104 को तारा शाहदेव की शादी हुई। शादी शहर के रेडिसन ब्लू होटल में रंजीत सिंह कोहली से हुई। शादी के बाद रंजीत उसे मेन रोड स्थित महावीर टावर के पीछे ब्लेयर अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर आर-05 में लेकर रहता था। शादी के बाद ससुराल में एक दिन मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के यहां से इफ्तार पार्टी का निमंत्रण मिला। जिसमें जनाब रकीबुल हसन खान के नाम का संबोधन था। तारा को पता चला कि जिस व्यक्ति से उसकी शादी हुई है वह मुसलमान है। यहां से उस पर अत्याचार शुरू हुए उसे धर्म परिवर्तन के दबाव दिया जाने लगा। मारपीट शुरू हुई।
कुत्ते से कटवाया गया
तारा ने कई इंटरव्यू में बताया है कि कैसे उसके साथ अत्याचार हुआ। रंजीत 20-25 हाजी को लेकर घर पहुंच गया और जबरन धर्म परिवर्तन के लिए दबाव देने लगा। इस दौरान विरोध करने पर उसके साथ बुरी तरह मारपीट की गई। कई बार कुत्ते से कटवाया गया, एक दिन वह किसी तरह घर से भाग निकली थाने में शिकायत की मीडिया वालों से बात कर ली। मामला सबके सामने आ गया।
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कोर्ट की लंबी लड़ाई
झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर वर्ष 2015 में सीबीआई ने मामले को टेकओवर करते हुए जांच शुरू की थी. जांच पूरी होने के बाद आरोपियों के खिलाफ वर्ष 2018 में चार्जशीट दायर की गयी। इस दौरान तारा शाहदेव को रंजीत कोहली से तलाश भी मिल गया। मामला 9 साल लंबा चला और अंजाम CBI कोर्ट ने रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और पचास हजार का जुर्माना लगाया गया है. रंजीत कोहली, IPC की धारा 120B, 376, 323, 298,506 और 496 में दोषी पाया गया है. वहीं, कौशल रानी को IPC की धारा 120B, 298, 506 और 323 में दोषी पाया गया है. कौशल रानी को दस साल की सजा और पचास हजार का जुर्माना लगाया गया है. मुश्ताक अहमद को IPC की धारा 120B और 298 में दोषी पाया गया है. मुश्ताक अहमद को 15 साल सश्रम कारावास की सजा और पचास हजार जुर्माना लगाया गया है।
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