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independence day 2023 |
आजादी के जश्न में डूब गये है सब
कौन आजाद है और कौन गुलाम
इस सवाल से ऊब गये हैं सब
आजादी है तो सबके हिस्से
बंधी है कुछ के पैरों में गरीबी और बेरोजगारी की बेड़ियां
आजादी छोड़ों इन बेड़ियों में बंधे टूट गये हैं वो सब
अब सिर्फ चुनी सरकार बोलेगी
चुप रहोगे तुम सब
एक बार मौका मिला जब तुमने जनादेश दिया
चुनाव के वक्त तो फैसला तुम्हारा था ना
चुप थे सरकार के नेता चमचे सब
किया फैसला तो अब सुनो, सिर्फ सुनो
आकर नेता तुम्हारे पास
बेरोजगारी,गरीबी बेड़ियों को नजरअंदाज करके
कहेंगे बढ़िया चल रहा है सब
आजादी के जश्न में डूब गये है सब
कौन आजाद है और कौन गुलाम
इस सवाल से अब ऊब गये हैं सब
याद रखना एक मौका फिर आयेगा
जब तुम्हें कहने का मौका दिया जायेगा
जनादेश जरा सोच समझ कर देना
गरीबी, बेरोजगारी, भूखमरी की बेडि़यों को
फिर हल्के में मत लेना
धर्म, जाति, प्रांत के नाम पर पहले बांटा जायेगा
टूट गये तो जर्रे- जर्रे को बिखेरा जायेगा
कौन सच्चा है कौन झुठा तुम जानते हो
राजनीति समझों देश की
तुम्हारे लिए क्या अच्छा है क्या बुरा
तुम खूब पहचानते हो
टूट गये तो देश टूट जायेगा
एक रहो साथ चलो,
सब तुम्हारे पीछे आयेगा
देश की बागडोर तुम्हारे ही हाथों में है अब
आजादी के जश्न में डूब गये है सब
कौन आजाद है और कौन गुलाम
इस सवाल से अब ऊब गये हैं सब
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