News & Views

Life Journey And journalism

जहां बिरसा ने अंतिम सांस ली वहीं गंदगी और कचड़े में गुजर रही है जिंदगी

बिरसा मुंडा ने जिस जेल में अंतिम सांस ली वहां 100 फीट ऊंची प्रतिमा बनेगी. बिरसा मुंडा के साथ शहीदों की प्रतिमा के लिए कई गांवों से मिट्टी आयी. हम सभी खुश हैं कि शहीदों को सम्मान मिला और मिलना चाहिए, आने वाली पीढ़ी इस बलिदान को उनकी कहानियों के जरिये ही तो याद रखेगी लेकिन दूसरी तरफ एक और नयी पीढ़ी है जो इस निर्माण कार्य के जरिये अपने बचपन को याद रखेगी.  बिरसा मुंडा जेल परिषर दो भागों में बटा है एक जहां बिरसा मुंडा ने अंतिम सांस ली, दूसरा जहां पार्क बनने और अब टूटने का काम हो रहा है. एक तरफ ढोल नगाड़े की आवाज है, खुशी है, तो दूसरी तरफ शांति और निराशा.

जहां धरती आबा ने अंतिम सांस ली वहां 30- 40 हजार की भीड़ है, सरकार के आला अधिकारी और राज्य के  मुखिया रघुवर दास हैं, तो दूसरी तरफ लोगों की तकलीफ सुनने वाला कोई नहीं है.यहीं झोपड़ी में रह रहे लोगों के घरों में कमर तक नाली का पानी भरा है, बच्चे खाना नहीं पा रहे ना सोने की जगह है, ना खड़े होने की. लोग घरों से बाहर निकलकर बैठे हैं.

इस इलाके में लगभग 200 परिवार हैं, आज भी वहीं रह रहे है. इन परिवारों को यही घर मिलेगा उनके लिए नींव खोदी जा रही है, उससे निकलने वाला कचड़ा बदबू सब इनके हिस्से में हैं. बच्चे इसी कचड़े में खेलते हैं. 10 दिनों से ज्यादा हो, गये घरों में पानी भरा है. ना तो शौचालय है, ना बिजली है, ना पीने के पानी की व्यस्था है जाहिर है इन इलाकों में लोग अतिक्रमण कर रहे हैं. सरकार यह सुविधाएं दे भी तो कैसे लेकिन बिजली हुक डालकर जल रही है.

नगर विकास के अधिकारियों ने इस इलाके में निर्माण कार्य को मंजूरी दे दी थी. मुख्यमंत्री ने दौरा किया, तो नाराज हो गये. लगभग एक साल में बने सारे काम को अब तोड़ा जा रहा है. नये सिरे से काम शुरू होगा. मुख्यमंत्री रघुवर दास इस इलाके को भोपाल के शौर्य पार्क और अंडमान जेल के तर्ज पर बनवाना चाहते हैं.  निर्माण होगा उससे पहले पुराने निर्माण को तोड़ा जा रहा है.

मेरी बात- मैं जानता हूं कि यहां के लोग इन इलाकों में अतिक्रमण कर रहे हैं  लेकिन यहां कई पीढ़ियां गुजरी है. अब सरकार उनके लिए आवास बना रही है लेकिन जबतक उनके लिए घर बनेगा तबतक उनकी जिंदगी कैसी होगी. इस मुद्दे पर कई लोगों की राय अलग हो सकती है लेकिन जब मैं पुराने जेल परिषर में घूमते हुए इन इलाकों में पहुंचा तो यहां के हालात देखकर लगा जैसे मैं किसी गांव में पहुंच गया हूं जहां शहर का कचड़ा डंप होता है. कल के हसीन सपने इन्हें आज गंदगी में जीने पर मजबूर कर रहे हैं…

4 comments
बेनामी

Thanks for the marvelous posting! I genuinely enjoyed reading it,
you are a great author. I will be sure to bookmark your blog
and will often come back very soon. I want to
encourage you to ultimately continue your great posts, have a nice evening!

बेनामी

I enjoy looking through a post that can make people think.
Also, many thanks for allowing me to comment!

बेनामी

whoah this weblog is magnificent i love studying your articles.
Stay up the great work! You realize, lots of people are hunting around
for this information, you could help them greatly.

बेनामी

I love your blog.. very nice colors & theme. Did you make this website yourself or did you hire someone to do it for you?
Plz answer back as I'm looking to design my own blog and would like to know where u got this from.
thank you

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *