कैसे मराशिला नाम पड़ा
यहां हर शाम और सुबह पूजा होती है. शाम को हमारी मुलाकात यहां रहने वाली पंडित जी से हुई. उन्होंने कहा वाल्मिकी जी यहां आये थे. वह इसी पहाड़ में राम नाम का उल्टा जाप कर रहे थे. इसी से इस पहाड़ का पहला शब्द मरा जो की राम का उल्टा है मिला. शिला का अर्थ होता है पहाड़, ईश्वर तो उससे शिला मिला. इस तरह इस जगह का नाम मराशिला पहाड़ पड़ा. यहां शिवलिंग है जो बहुत प्राचीन है तो इसे शिवधाम भी कहा जाता है.
महिलाएं करती है देखरेख
ज्योति महिला समिति इस ग्रुप की पांच से आठ महिलाएं मिलकर इस मंदिर परिसर और पूरे इलाके की देखरेख करती हैं. यहां पार्किंग का काम भी इन्होंने अपने हाथ में ले रखा है. कोई भी आये पहाड़ के ऊपर गाड़ी नहीं ले जा सकता है. इस समूह की सदस्य ने हमें बताया कि हमने शुरूआत में यहां आने वालों से खूब विनती की कहा, ऊपर गाड़ी मत ले जाईये, खाने पीने का सामान मंदिर के आसपास मत फेंकिये, शराब मत पीजिए .
महिला कहतीं है कि हमारी इस विनती का कोई असर नहीं हुआ तो हमने साथ मिलकर काम करने का फैसला लिया. पुलिस भी हमारा साथ देती है. थाना का नंबर हमारे पास है कोई परेशानी होती है तो हम उन्हें सूचित कर देते हैं. इस जगह को और सुंदर औऱ सुविधा जनक बनाने का फैसला हमने लिया है.
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