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Lockdown and Labour (नमक खाकर जी लेंगे लेकिन शहर नहीं लौटेंगे- मजदूर)

प्रवासी मजदूर जो बड़े शहरों को और बड़ा बना रहे थे उनकी हालत समझिये, Stranded Workers Action Network (SWAN) के द्वारा किया गया सर्वे बताता है, अप्रैल 8 से अप्रैल 13 के बीच लगभग 90 फीसद प्रवासी मजदूरों को राशन नहीं मिला. लगभग 90 फीसद को उनका वेतन नहीं मिला. मार्च 27 से लेकर अप्रैल 13 तक 70 फीसद प्रवासी मजदूरों के पास सिर्फ 200 रुपये बचे थे. 72 फीसद प्रवासी मजदूरों का कहना है कि उनके पास जो राशन है वह दो दिनों में खत्म हो जायेगा. 44 फीसद लोग ऐसे हैं जिन्होंने एक वक्त का खाना छोड़ दिया है.

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