एक 18 साल का लड़का इस उम्र में क्या कर रहा होता है ? जवाब अपने हिसाब से तलाशिये- पर मेरे हिसाब से एक 18 साल का लड़का इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा होगा, सरकारी नौकरी की तैयारी या बहुत अद्भुत कर दिया तो इस उम्र में सरकारी नौकरी मिल गयी है या प्राइवेट तो गूगल या किसी बड़ी कंपनी से ऑफर इससे भी अद्भुत कुछ हो सकता है तो सोच लीजिए और बताइये कमेंट बॉक्स में, पहले जवाब दे दीजिए फिर आगे पढ़िये देखें जरा आपकी सोच कहां तक पहुंचती है.
अगर थोड़ा सा भी सब्र होगा तो जवाब आपने दे दिया होगा और नहीं तो आपमें सब्र की कमी है , अरे गुस्सा मत होइये बिल्कुल मेरी तरह , अब खुश चलिये अब इधर – उधऱ की बात छोड़ते हैं मूल सवाल पर आते हैं. एक 18 साल का लड़का बिल्कुल कम पैसों में फ्लाइट से यात्रा ना के बराबर करते हुए, यात्रा में ना के बराबर पैसा खर्च करते हुए सिर्फ लिफ्ट लेकर (जिसे हिचहाइकिंग कहते हैं ) 40 देशों से ज्यादा देशों की यात्रा पर है. दो साल से ज्यादा वक्त से यात्रा कर रहा है. चीन, रसिया, समेत कई देश घूम चुका है और इस वक्त बाकु में फंसा है जो अज़रबैजान की राजधानी है.
अब आपके मन में दो सवाल होंगे पहला कि यह लड़का यात्रा कर कैसे रहा है, पैसे कहां से आ रहा है वगैह वगैरह.. इन सवालों के जवाब भी मिलेंगे पहले उससे परिचय कर लीजिए लड़का कहां से है, परिवार कितना अमीर है फिर पैसे पर आयेंगे… ठीक है.
पहले मुलाकात
बिहार के मुंगेर जिले में एक इलाका है असरगंज. यहीं इसी गांव में पैदा हुए शुभम कुमार. अपनी वीडियो में कहते हैं हमने बाद में समझा कि हिचकाइकिंग भी कोई शब्द है हम तो स्कूल दूसरों की साइकिल में बैठकर ही जाते थे. बड़े हुए तो पता चला कि यह हिचहाइकिंग है, हमें लगा जब स्कूल यह करते हुए जाते थे, तो दुनिया भी इसी तरह घूम सकते हैं.
परिवार की बात
परिवार – मध्यमवर्गीय
पिता- सरकारी स्कूल के शिक्षक
मां- गृहणी
पढ़ाई – 12 वीं तक पढ़ाई की फिर आगे की पढ़ाई के लिए हैदराबाद, दिल्ली जैसे शहरों से होते हुए पहुंचे कोटा जो इंजीनियरों की फैक्ट्री है. यहां शुभम समझ गये कि जो रेस चल रही है उसमें उन्हें दौड़ना नहीं है इनकी राह अलग है. 12वीं के बाद इंजीनियर बनने का सपना छोड़ा और दौड़ने लगे अपने असल सपने की तरफ. साल 2017 में जयपुर , उदयपुर समेत राजस्थान के कई जगहों पर गये. फिर शिमला, मनाली, लेह लद्दाफ, स्पिती वेली सहित लगभग देश घूम लिया.
सपनों से मुलाकात
शुभम के मन में इच्छा थी कि दुनिया घूमी जाये. भारत में ही कई जगहों को घूमने के लिए उन्हें बहुत मेहनत करनी पड़ी. घर से आ रहे पैसों में से दो हजार रुपये बचाये, बच्चों को
ट्यूशन पढ़ा कर सात हजार रुपये कमाये कुल मिलाकर जब पचास हजार हो गये तो भारत में कई जगहों पर घूमने निकले. यात्रा के दौरान ही उन्हें महसूस हुआ कि वह जिंदगी से क्या चाहते हैं. अब शुभम पूरी दुनिया घूमना चाहते थे. 2017 मार्च में वह सब छोड़कर निकल पड़े अपने सपनों की यात्रा पर.
आपके मन का सवाल- पैसा
शुभम बिल्कुल कम खर्च में यात्रा करते हैं. ज्यादातर यात्रा वह लोगों से लिफ्ट लेकर करते हैं जिसमें कोई पैसा नहीं देना पड़ता. बस स्टैंड, पेट्रोल पंप या टेंट लगाकर सोते हैं तो रहने का खर्च बज जाता है या ( couchsurfing.) काउसर्फिग करते हैं मतलब आप मुफ्त में उस शहर के रहने वालों के साथ रह सकते हैं यह आपसे पैसे नहीं लेते यह आपकी तरह ही घूमने के शौकिन होते हैं यात्राएं करते हैं और खुद भी इसी तरह किसी भी देश में किसी के साथ भी रहते हैं.
फिर भी खर्च तो होता ही होगा
बिल्कुल होता है, शुभम ने अपने वीडियो में बताया है कि वह ऑनलाइन पैसा कमाते हैं. किसी होटल का रिव्यू दे दिया. स्काईप पर ट्यूशन पढ़ा लेते हैं. उनकी मैथ अच्छी है पैसे पूरी तरह खत्म होते हैं तो कहीं सस्ती सी जगह रूककर पैसे कमाते हैं फिर आगे बढ़ते हैं. अब उन्होंने अपना यूट्यूब चैनल भी शुरू किया है तो इससे 25 से 30 हजार रुपये महीने आ जाते हैं. शुभम लोगों से भी मदद लेते हैं ऐसे बहुत सारे लोग है जिनका यही सपना था जो पूरा नहीं कर सकते वह शुभम के सपने को पूरा करने में मदद करते हैं और मानते हैं कि अपना सपना पूरा किया.
उनके चैनल का लिंक नीचे दे रहा हूं और साथ में बिन मांगी नसीहत भी. सपने इंतजार नहीं करते, आपके डर ने आपके सपने को पूरा होने नहीं दिया, छोटी सी नौकरी का बड़ा सा मोह आपके सपने की हर वक्त हत्या करता रहता है और एक दिन आप मर जाते हैं सिर्फ नौकरी जिंदा रहती है… इसलिए
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