भाषा आंदोलन से पहचान बनाने वाले नेता जयराम महतो सवालों के घेरे में हैं। उनकी इस जीत ने राज्य की रानजीति और उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर कई सवालों के जवाब दिए लेकिन मौजूदा परिस्थिति कई नए सवाल खड़े कर रही है। जयराम महतो पर विदेशों से चंदा लेने का आरोप है। चंदे का आरोप नया नहीं है इससे पहले भी चंदा, पार्टी फंड को लेकर कई आरोप लगे। विधानसभा चुनाव के दौरान चंदे का हिसाब देने वाले जयराम महतो ने अब तक चंदे का हिसाब नहीं दिया। उनकी पार्टी से जुड़े कई पुराने नेता जिन्होंने अपना रास्ता बदल दिया इसे लेकर सवाल खड़े करते रहे। पैसा आम लोगों ने दिया तो हिसाब भी उन्हें मिलना चाहिए। दूसरा सवाल उनके स्वभाव को लेकर है, जिस तरह वह बात करते हैं। जयराम से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं। इन वीडियो में उनके स्वभाव को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
चंदे की चर्चा, अब देना होगा हिसाबचंदे की चर्चा, अब देना होगा हिसाब
जयराम महतो ने लोकसभा चुनाव के दौरान जनता से सहयोग मांगा। चर्चा है कि इस चुनाव के दौरान उन्हें काफी पैसा मिला। आरोप यह भी लगते रहे कि कई बड़ी कंपनियों ने उन्हें फंड दिया लेकिन इस चंदे का कोई हिसाब नहीं मिला।विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी पार्टी जेएलकेएम पर विदेशी से फंड लेने का आरोप है। शिकायतकर्ता राहुल बनर्जी ने चुनाव आयोग को ईमेल के माध्यम से अपनी शिकायत भेजी है। उनका कहना है कि झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा ने विदेशों से पैसा लिया है। पश्चिम बंगाल के रहने वाले राहुल बनर्जी ने अपने ईमेल में कुछ सबूत भी अचैट करके भेजे हैं। इसमें जिनमें चंदा देने वालों की सूची और रकम का विवरण है। चुनाव आयोग ने बोकारो डीसी को जांच के आदेश दिए हैं। अब जयराम महतो को अपने चंदे का पूरा हिसाब देना होगा।
भाषा की मर्यादा
अपने चुनावी संबोधन में मजबूती से पक्ष रखने वाले जयराम महतो पर आरोप लग रहे हैं कि वह भाषा की मर्यादा भूल रहे हैं। विधानसभा सत्र के दौरान वो एक पत्रकार से उलझ गए। उन्होंने यह भी कह दिया कि अगर आपको इंटरव्यू नहीं करना है तो मत लीजिए। एक पत्रकार से आरोप- प्रत्यारोप के दौरान ऊंगली दिखाकर उनसे बात करने की शैली खूब ट्रोल हुई। पत्रकारों की इस भीड़ में किसी एक पत्रकार से उलझ जाना ठीक नहीं है। एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें एक आम नागरिक जब अपनी शिकायत लेकर पहुंचा तो उसके गुटखा खाने पर टिप्पणी की और साथ ही यह भी कहा कि आप मौखिक बोलेंगे तो काम कैसे होग लिखित में दीजिए। एक साधारण व्यक्ति अगर लिखने के महत्व को इतनी अच्छी तरह समझता तो लिखकर अधिकारियों से शिकायत करता। सीएम को चिट्टठी लिखता, जिस विभाग में काम अटका है वहां सूचना के अधिकार के तहत सवाल करता।
नेता की पिटाई पर सवाल
छात्र नेता देवेंद्र महतो की पिटाई कर दी गई। इस पिटाई ने कई सवाल किए कि क्या किसी बड़ी पार्टी के नेता को जिसने लोकसभा का चुनाव लड़ा, विधानसभा चुनाव में सिल्ली से कड़ी टक्कर दी. पुलिस ऐसे किसी दूसरे नेता की पिटाई करती। जयराम ने इस पर एक वीडियो जरूर साझा किया लेकिन प्रतिक्रिया ऐसी नहीं थी जैसे वो दूसरे मामलों में देते हैं। उन्होंने इस पिटाई पर सवाल जरूर खड़े किए लेकिन यहां आक्रमकता की कमी साफ दिखी। देवेंद्र महतो के ऊपर लाठी चार्ज को विधायक जयराम महतो ने गलत बताया है. जय राम महतो ने इस संबंध में रांची के वरीय पुलिस अधिकारियों से फोन पर बात भी की। डुमरी विधायक जयराम महतो ने कहा कि उन्होंने सीनियर एसपी डीएसपी से फोन पर बात की है और कहा कि जिस प्रकार से लाठी चार्ज किया गया है और उनके नेता देवेंद्र महतो की पिटाई की गई है. यह घोर निंदनीय है, अगर देवेंद्र महतो से किसी प्रकार की शांति भंग होने का खतरा था तो उन्हें नजर बंद किया जा सकता था, लेकिन जिस प्रकार से पुलिस वालों ने उन पर बर्बरतापूर्ण लाठी चार्ज किया है. पुलिसिया कार्रवाई बिल्कुल गलत और असहनीय है।
कितने पैसे वाले हैं जयराम महतो
लोकसभा चुनाव के दौरान जयराम कुमार महतो के पास 97434 रुपये की चल संपत्ति और 2 लाख रुपये की अचल संपत्ति के साथ 3 लाख रुपये की कुल संपत्ति या शुद्ध संपत्ति थी। विधानसभा चुनाव के दौरान उसके पास नगद मात्र 38 हजार है। भारतीय स्टेट बैंक के तीन खाते में क्रमशः 90.28 रुपए, 201.55 रुपए, पांच हजार रुपए और बैंक ऑफ इंडिया में 12674 रुपए हैं.चितरपुर मौजा में जयराम महतो के पास 5450 स्क्वायर फीट जमीन है जिसमें एक हजार स्क्वायर फीट में मकान बना हुआ है। आपको यह ध्यान रखना है किझारखंड के नवनिर्वाचित 81 विधायकों में से 71 करोड़पति है।
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