रांची में मेडिकल की तैयारी कर रही छात्रा इच्छिता सिंह की मौत
हो गयी. इच्छिता की मौत पर कई सवाल उठे.
शुरूआत में उसे आत्महत्या करार दिया गया लेकिन कई सबूत दूसरी तरफ भी इशारा कर रहे
हैं. इच्छिता के पिता संजय सिंह अगर अपनी बेटी के निधन का सच जानना चाहते है, जांच
चाहते है, तो गलत क्या है.कई बार कह चुके हैं अगर मेरी बेटी की मौत का सच सामने नहीं आया इसकी ठीक से जांच नहीं हुई तो आत्महत्या कर लूंगा… जांच करने में परेशानी क्या है, सीएम साहब को इसमे भी राजनीति नजर आती है. पिता जो उनसे न्याय की उम्मीद लेकर सीएम के पास पहुंचा था. उसे दुत्कार दिया.
हो गयी. इच्छिता की मौत पर कई सवाल उठे.
शुरूआत में उसे आत्महत्या करार दिया गया लेकिन कई सबूत दूसरी तरफ भी इशारा कर रहे
हैं. इच्छिता के पिता संजय सिंह अगर अपनी बेटी के निधन का सच जानना चाहते है, जांच
चाहते है, तो गलत क्या है.कई बार कह चुके हैं अगर मेरी बेटी की मौत का सच सामने नहीं आया इसकी ठीक से जांच नहीं हुई तो आत्महत्या कर लूंगा… जांच करने में परेशानी क्या है, सीएम साहब को इसमे भी राजनीति नजर आती है. पिता जो उनसे न्याय की उम्मीद लेकर सीएम के पास पहुंचा था. उसे दुत्कार दिया.
आदरणीय मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास जी आप एक नेता हैं, क्या आप अपनी बेटी की मौत पर राजनीति कर सकते
हैं ?.
अगर कर सकते हैं, तो मेरे सवालों का जवाब मत दीजिएगा. अगर नहीं कर सकते, तो मेरे कुछ
सवाल हैं जिसका जवाब मैं आपसे
चाहता हूं.
हैं ?.
अगर कर सकते हैं, तो मेरे सवालों का जवाब मत दीजिएगा. अगर नहीं कर सकते, तो मेरे कुछ
सवाल हैं जिसका जवाब मैं आपसे
चाहता हूं.
अभी थोड़ी देर ही तो हुए हैं, मुख्यमंत्री जी( 8 मार्च महिला दिवस
पर) आपने महिलाओं के लिए अच्छी- अच्छी बातें कही. मां, बहन, बेटी पत्नी जैसे
रिश्तों को कितनी अच्छी तरह समझते हैं आप. एक पत्रकार होने के नाते कई बार आपको
कवर कर चुका हूं. वेब पत्रकार होने के कारण बहुत कम फिल्ड में आकर कवर करने का
मौका मिला, लेकिन आज, तो मैं आपके कार्यक्रम में था. कार्यक्रम में मौजूद लगभग 20
हजार महिलाओं ने आपके संबोधन पर जोरदार तालियां बजायी हैं. आपने उनके विकास और
उत्थान के लिए कई बातें कहीं, कई वायदे किये. कभी सीधे सवाल पूछने का मौका मिले,
तो मेरे एक सवाल जरूर करूंगा आपसे. क्या आप अपनी बेटी की मौत पर राजनीति करेंगे ?. अपनी बेटी की मौत का
फायदा उठाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या राष्ट्रपति मुखर्जी सर के पास शिकायत
राजनीतिक फायदे के लिए लेकर जायेंगे.
पर) आपने महिलाओं के लिए अच्छी- अच्छी बातें कही. मां, बहन, बेटी पत्नी जैसे
रिश्तों को कितनी अच्छी तरह समझते हैं आप. एक पत्रकार होने के नाते कई बार आपको
कवर कर चुका हूं. वेब पत्रकार होने के कारण बहुत कम फिल्ड में आकर कवर करने का
मौका मिला, लेकिन आज, तो मैं आपके कार्यक्रम में था. कार्यक्रम में मौजूद लगभग 20
हजार महिलाओं ने आपके संबोधन पर जोरदार तालियां बजायी हैं. आपने उनके विकास और
उत्थान के लिए कई बातें कहीं, कई वायदे किये. कभी सीधे सवाल पूछने का मौका मिले,
तो मेरे एक सवाल जरूर करूंगा आपसे. क्या आप अपनी बेटी की मौत पर राजनीति करेंगे ?. अपनी बेटी की मौत का
फायदा उठाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या राष्ट्रपति मुखर्जी सर के पास शिकायत
राजनीतिक फायदे के लिए लेकर जायेंगे.
आपकी फोटो उनके साथ अखबार में छपे इसकी कोशिश
करेंगे. आप, तो हाईटेक जमाने के सीएम है साहब. फेसबुक- ट्वीटर अच्छी तरह समझते हैं
और इस्तेमाल भी करते हैं. अगर मेरे सवाल आपत क पहुंच जाये तो ऊंगलियों को थोड़ा
कष्ट दीजिएगा. अगर वो भी ना देना चाहे तो आपने तो सोशल मीडिया संभालने के लिए पूरी
टीम है आपके पास. उन्हें ही कहियेगा वो जवाब दे देंगे…. एक बाप की गुहार समझिये
साहब.. आपसे एक पिता न्याय मांग रहा है.. भीख नहीं. झारखंड उड़ रहा है. आप उड़ रहे
हैं लेकिन न्याय मांगने वाले कहां उड़ जायेंगे… हमें तो इसी माटी पर रहना है. राजनीतिक
चश्में से एक पीड़ित पिता भी विरोधी नजर आता है.
करेंगे. आप, तो हाईटेक जमाने के सीएम है साहब. फेसबुक- ट्वीटर अच्छी तरह समझते हैं
और इस्तेमाल भी करते हैं. अगर मेरे सवाल आपत क पहुंच जाये तो ऊंगलियों को थोड़ा
कष्ट दीजिएगा. अगर वो भी ना देना चाहे तो आपने तो सोशल मीडिया संभालने के लिए पूरी
टीम है आपके पास. उन्हें ही कहियेगा वो जवाब दे देंगे…. एक बाप की गुहार समझिये
साहब.. आपसे एक पिता न्याय मांग रहा है.. भीख नहीं. झारखंड उड़ रहा है. आप उड़ रहे
हैं लेकिन न्याय मांगने वाले कहां उड़ जायेंगे… हमें तो इसी माटी पर रहना है. राजनीतिक
चश्में से एक पीड़ित पिता भी विरोधी नजर आता है.
यकीन मानिये उन्हें राजनीति करने
की कोई इच्छा नहीं होगी. उन्हें अपनी बेटी की मौत का दुख है . जवान बेटी के मर
जाने का दुख आप समझ सकते हैं कि सीएम की कुरसी ने ये गुण भी आपसे छिन लिये… आपने
अगर उनका हाथ पकड़कर बेटी के निधन पर दुख जता दिया होता, तो आज आप मेरे हीरो होते.
उनके आंसू पोछकर बस न्याय का भरोसा दे दिया होता तो मैं घर में बैठा खुश हो रहा
होता, आप पर गर्व कर रहा होता. रघुवर सर आप अनुभवी है बड़े हैं , अच्छे नेता भी
होंगे.
की कोई इच्छा नहीं होगी. उन्हें अपनी बेटी की मौत का दुख है . जवान बेटी के मर
जाने का दुख आप समझ सकते हैं कि सीएम की कुरसी ने ये गुण भी आपसे छिन लिये… आपने
अगर उनका हाथ पकड़कर बेटी के निधन पर दुख जता दिया होता, तो आज आप मेरे हीरो होते.
उनके आंसू पोछकर बस न्याय का भरोसा दे दिया होता तो मैं घर में बैठा खुश हो रहा
होता, आप पर गर्व कर रहा होता. रघुवर सर आप अनुभवी है बड़े हैं , अच्छे नेता भी
होंगे.
मैं थोड़ा अधकचा सा इंसान हूं थोड़ा कम समझता हूं और राजनीति तो बहुत कम
समझता हूं. इसमें आपका क्या हित होगा, कौन सी राजनीति होगी, क्या फायदा होगा.
हम रिजनल मीडिया वाले कई बार मुद्दे नहीं उठा
पाते, मजाल है कि दिल्ली में ऐसी कोई घटना होती और मुख्यमंत्री ऐसा व्यवहार करके
चुपचाप बच जाते. मीडिया उनसे सवाल ना करता. हमारे यहां तो बड़ी- बड़ी घटनाएं छोटी
हो जाती हैं. दिल्ली में चोरी की घटना वीडियो भी शाम की खबरों में लोग चटकारे लेकर
देखते हैं.
समझता हूं. इसमें आपका क्या हित होगा, कौन सी राजनीति होगी, क्या फायदा होगा.
हम रिजनल मीडिया वाले कई बार मुद्दे नहीं उठा
पाते, मजाल है कि दिल्ली में ऐसी कोई घटना होती और मुख्यमंत्री ऐसा व्यवहार करके
चुपचाप बच जाते. मीडिया उनसे सवाल ना करता. हमारे यहां तो बड़ी- बड़ी घटनाएं छोटी
हो जाती हैं. दिल्ली में चोरी की घटना वीडियो भी शाम की खबरों में लोग चटकारे लेकर
देखते हैं.
इस भुलावे में मत रहियेगा सर
कि यह सब हमेशा होगा. थोड़ा डर रखिये, थोड़ी शर्म रखिये आंखों में. आपको कुरसी तक
हम लोगों ने ही पहुंचाया है मेरे वोटे से ही आप वहां तक पहुंचे हैं. मेरा वोट मुझे
अधिकार देता है कि मैं आपसे सवाल पूछ सकूं सो मैंने पूछ लिया… अब बिन मांगे एक
सलाह देता हूं. सोशल मीडिया जिसे आप मात्र प्रचार का तरीका समझते हैं उसकी ताकत का
अंदाजा नहीं है आपको. जिस दिन मेरे जैसे कुछ अधकचे लोगों ने आपसे सवाल पूछना शुरू
कर दिया, तो आपको जवाब देना मुश्किल हो जायेगा. मेन स्ट्रीम मीडिया पर दो लाइन बोल
कर बच नहीं पायेंगे आप. सर आपको राजनीति करने का पूरा हक है. भगवान करे आप लंबे
अरसे तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे लेकिन आपसे निवेदन है कि विदेश यात्राओं पर जाकर
एक बार अपने शरीर का पूरा चेकअप करा लीजिए.. किसी की सिस्कियों को, आंसूओं को, दुख
को राजनीतिक महत्वकाक्षा से जोड़कर मत सुनिये, देखिये प्लीज सर..
कि यह सब हमेशा होगा. थोड़ा डर रखिये, थोड़ी शर्म रखिये आंखों में. आपको कुरसी तक
हम लोगों ने ही पहुंचाया है मेरे वोटे से ही आप वहां तक पहुंचे हैं. मेरा वोट मुझे
अधिकार देता है कि मैं आपसे सवाल पूछ सकूं सो मैंने पूछ लिया… अब बिन मांगे एक
सलाह देता हूं. सोशल मीडिया जिसे आप मात्र प्रचार का तरीका समझते हैं उसकी ताकत का
अंदाजा नहीं है आपको. जिस दिन मेरे जैसे कुछ अधकचे लोगों ने आपसे सवाल पूछना शुरू
कर दिया, तो आपको जवाब देना मुश्किल हो जायेगा. मेन स्ट्रीम मीडिया पर दो लाइन बोल
कर बच नहीं पायेंगे आप. सर आपको राजनीति करने का पूरा हक है. भगवान करे आप लंबे
अरसे तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे लेकिन आपसे निवेदन है कि विदेश यात्राओं पर जाकर
एक बार अपने शरीर का पूरा चेकअप करा लीजिए.. किसी की सिस्कियों को, आंसूओं को, दुख
को राजनीतिक महत्वकाक्षा से जोड़कर मत सुनिये, देखिये प्लीज सर..
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