अब तुम्हारी यादें है बस…. |
मुझे पता है तुम ठीक नहीं हो. सभी अब तुम्हें नापसंद करने लगे हैं. तुम या तो बैंक में बदले जा रहे हो या गंगा में बहाये जा रहे हो. कई न्यूज चैनल में तुम्हारे जलाये जाने की भी खबरें दी है. तुम्हारी इस हालत पर मन बहुत दुखी है लेकिन मेरा यकीन मानों मैंने तुम्हारे साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं किया. ना ही तुम्हें बदलने के लिए घंटो लाइन में खड़ा रहा और ना ही तुम्हें सस्ते दामों में बेचा है. पेट्रोल भराने और डीटीएच लगवाने और कुछ कपड़े खरीदने में तुम अपने अंतिम वक्त में काम आ गये.
तुम वापस आ रहे हो… हे ना |
2003 में हॉस्टल छूटा तो तुमसे रिश्ता भी टूट गया लेकिन तुम्हारे साथ की आदत हो गयी थी. उस वक्त तुम्हारे स्नेह में मैंने एक बार चोरी भी की. वॉक मैन, बंदूल, लेजर लाइट जैसी चीजें तुम्हारे बदले में मिली. लेकिन तुम्हारे द्वारा दी गयी खुशी ज्यादा दिनों तक मेरे चेहरे पर नहीं रही. मां के उदास चेहरे ने मुझे तुम्हें चुराने का जुर्म कूबलने पर मजबूर कर दिया लेकिन तुम फिर भी वापस नहीं आये क्योंकि दुकानदार ने वॉकमैन वापस लेने से इनकार कर दिया. इसके बाद तुमसे रिश्ता थोड़ा कम हुआ.
तुमसे यारी कम रही यारा…. |
जब मैं 500 रुपये का जाने का दुख जता रहा हूं तो हजार के नोट को बुरा नहीं मानना चाहिए क्योंकि “ऐ हजार के नोट तुम तो कभी मेरे पहुंच में थे ही नहीं” आते भी थे तो तुम्हें देखकर अक्सर दुकानदार कह थे.” ऐ भइया चेंज दीजिए ना”. मुझे ये कहने में जरा भी गुरेज नहीं कि तुमसे मेरा रिश्ता कमजोर रहा है. इसलिए तुम्हारे जाने का दुख थोड़ा कम है. यही कारण है कि तुम्हारा पुर्नजन्म भी नहीं हो रहा बल्कि दूसरे जन्म में तुमसे दोगुणा पावरफुल नोट आ रहा है. शायद मेरा स्नेह ही है कि तुम एक बार फिर नये रंग में वापस आ रहे हो लेकिन तुम्हारे मेकओवर ने मुझे ओवर इमोशनल कर दिया है. उम्मीद करता हूं तुम्हारा और मेरा साथ तुम्हारे मेकअप के बाद भी बना रहेगा.
तुम्हारे विदा से दुखी
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