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दुर्गा पूजा की गाइडलाइन को पार कर गये झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, नियमों की उड़ी धज्जियां

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ा दी है. दुर्गा पूजा के अवसर पर अपनी ही बनाई गाइडलाइन की लाइन क्रॉस कर गये.  किसी वजह से बगैर मास्क, बगैर हेलमेट सड़क पर निकलने पर ट्रैफिक पुलिस वाले जान पर खेल कर आपकी गाड़ी के आगे कूद जाते हैं लेकिन जब सीएम या राज्य का कोई बड़ा अधिकारी नियम तोड़ता है तो सोशल मीडिया, मीडिया में खबरें चलने के बाद भी कुछ नहीं होता. 

दुर्गा पूजा की महत्वपूर्ण गाइडलाइंस

*भक्त पंडाल के बाहर लगे बैरिकेड के पास से ही माता के दर्शन कर सकेंगे.

*पंडाल में एक समय में 25 से अधिक व्यक्ति मौजूद नहीं होने चाहिए.

*पंडाल/मंडप के उद्घाटन के लिए कोई समारोह/कार्यक्रम नहीं होगा.

*पंडाल/मंडप में 18 वर्ष से नीचे के उम्रवालों को प्रवेश नहीं मिलेगा.

ऐसे बहुत सारे नियम है लेकिन यह जरूरी लगे तो सामने रख दिया है. तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है वह भी सामने है. 

अब रही बात गलती की तो  इंसान गलतियों का पुतला है. अपनी गलतियों से वह सीखता है और उसे ना दोहराने की कोशिश करता है . झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी इंसान हैं. गलतियां उनसे भी होती हैं. रोजगार पर युवा सवाल कर रहे हैं, नियुक्ति वर्ष में नियुक्ति के इंतजार में हैं. पहले वादे और बाद में साल को नियुक्ति वर्ष घोषित करना भी गलती हो सकती है. 

फैसले छोड़िये बयान याद कीजिए  25 सितंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का एक बयान प्रमुखता से छपा राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हुई जिसमें कहा गया कि पहले की सरकार ने बाहरियों को नौकरी दी. बयान खूब चर्चित हुआ तो पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास का बयान भी आया आरोपों को निराधार बता दिया. पहले की सरकार ने गलती की लेकिन रोजगार को लेकर कई पेंच इस सरकार में भी फंसे हैं. गलती किसकी थी और अब किसकी है… खैर  

हिंदी दिवस पर हिंदी से ज्यादा चर्चा राज्य में भोजपुरी औऱ मगही पर हुई . सीएम का बयान याद तो होगा उन्होंने कहा, मगही और भोजपुरी बिहार की भाषा है, झारखंड की नहीं. झारखंड का बिहारीकरण हो रहा है. महिलाओं की इज्‍जत पर हमला कर भोजपुरी भाषा में गाली दी जाती है.  

झारखंड आंदोलन में भी बिहार की भाषा का कोई योगदान नहीं रहा है. ‘जो लोग भोजपुरी, मगही बोलते हैं वे सभी डॉमिनेटिंग पर्सन हैं. कुछ दिनों बाद सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हुई. हेमंत सोरेन ने अपने टि्वटर हैंडल पर इसे शेयर करते हुए लिखा, अभिभावक स्वरूप लालू जी से हाल पूछा. झारखंड आंदोलन की इतनी बातें याद हैं ये भी तो याद रखना चाहिए कि लालू यादव जी ने ही कहा था झारखंड मेरी लाश पर बनेगा.

 कुछ दिनों पहले तेजस्वी यादव झारखंड पहुंचे थे और दोनों नेताओं की लंबी बैठक चली. भोजपुरी और मगही पर इस हमले के बाद पता नहीं लालू और तेजस्वी ने उनसे कोई सवाल किया या नहीं. अब सीएम जिस पंडाल में थे नुकसान उस पंडाल का भी हो गया क्योंकि रांची नगर निगम उन्हें पुरस्कार नहीं देगा. क्योंकि पुरस्कार स्वच्छता के साथ – साथ गाइडलाइन का पूरी तरह पालन करने वालों को दिया जाना है. 

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