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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी मानते हैं कि राज्य में नियुक्ति वर्ष का हो गया अंतिम संस्कार

सीएम का रिट्वीट 

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी यह मानते हैं कि नियुक्ति वर्ष का अंतिम संस्कार हो गया है. झारखंड में हर पांच युवा में एक बेरोजगार है. आंकड़े पर गौर करें, तो राज्य में सात लाख से अधिक युवाओं ने नियोजनालय में नौकरी पाने के लिए अपना निबंधन कराया है.ट्वीटर पर #jharkhandi_yuva_mange_rojgar हैशटैग के तहत लाखों की संख्या में युवा ट्वीट कर रहे हैं. 

मैं केस  मुकदमे से डरने वाला आदमी हूं, अगर ये कह रहा हूं, तो कुछ आधार तो होगा ताकि मुकदमों से बच सकूं. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आंकड़े के अनुसार, अप्रैल 2021 में झारखंड की बेरोजगारी दर 16.5 फीसदी रही. इससे पहले बेरोजगारी दर 8.2 फीसदी के आसपास थी

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने टि्वटर अकाउंट पर खुद यह बात साझा की है, जिसमें स्पष्ट लिखा है नियुक्ति वर्ष का अंतिम संस्कार. ना सिर्फ मुख्यमंत्री बल्कि उनकी पार्टी के नेता भी इस बात का समर्थन करते हैं कि नियुक्ति वर्ष का अंतिम संस्कार हो गया. झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने सबसे पहले यह माना और ट्वीट किया बस इसी ट्वीट को मुख्यमंत्री ने रिट्वीट कर दिया . 

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने  माना है कि झारखंड में रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा है लेकिन सोशल साइट पर नियुक्ति वर्ष का अंतिम संस्कार यह मानकर उन्होंने साफ कर दिया है कि रोजगार का हाल क्या है.  राज्य गठन के बाद से अब तक 8326 नियुक्तियां रद्द हो चुकी हैं इन सबके लिए सीएम अकेले जिम्मेदार नहीं है लेकिन उनके कार्यकाल में युवा नौकरी की उम्मीद लेकर बैठे थे वो ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. 

वादे नहीं इरादे भी 

नौकरी ना मिलने का कारण तलाशने की कोशिश करेंगे तो पायेंगे भ्रष्टाचार,  गड़बड़ी और प्रक्रिया में खामी. नौकरी कर रहे लोगों में भी डर है कि कब कौन चैलेंज कर दे और नौकरी संकट में पड़ जाये  विवि में असिस्टेंट प्रोफेसर, पंचायत सेवक, बीआइटी सिंदरी में असिस्टेंट प्रोफेसर सहित छह हजार से अधिक पदों पर नियुक्ति सिर्फ सरकार से अनुमति मिलने की आस में लंबित पड़ी है.

राज्य में तीन हजार से ज्यादा ऐसे पदों पर युवा नौकरी की आस में हैं, जिसमें सरकार को फैसला लेना है. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने वर्ष 2017 में पंचायत सचिव, निम्नवर्गीय लिपिक व आशुलिपिक के 3088 पदों पर नियमित व बैकलॉग बहाली के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया था. इसके बाद एक लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन दिया. लिखित परीक्षा का परिणाम 23 फरवरी 2019 को जारी किया गया. एक जुलाई से आठ जुलाई 2019 तक लगभग 7457 अभ्यर्थियों की कौशल जांच की गयी.

लगभग 4948 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन 27 से 31 अगस्त तक तथा तीन सितंबर से सात सितंबर 2019 तक किया गया. इसके बाद आयोग द्वारा अंतिम मेधा सूची तैयार करने का काम शुरू किया गया, लेकिन अंतिम मेधा सूची का प्रकाशन नहीं हो पाया. 


हाइकोर्ट ने जिन पर फैसला लिया 

छठी सिविल सेवा मेरिट लिस्ट : 326 पद

प्राथमिक व मध्य विद्यालय शिक्षक नियुक्ति : 8000 पद

जेपीएससी असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति परीक्षा : 637 (इसकी परीक्षा में ही रोक लग गयी)

नियमावली के पेंच में फंसी जो  नियुक्तियां

विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति परीक्षा : 552 पद

विश्वविद्यालय में प्रोफेसर नियुक्ति : 70 पद

राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला में निदेशक व पदाधिकारी नियुक्ति परीक्षा : 49

पंचायत सचिव, निम्नवर्गीय लिपिक व आशुलिपिक नियुक्ति : 3088

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