मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर रेप का केस |
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चौतरफा घिरे हैं। जमीन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशायल ने अबतक सीएम को पांच बार समन किया है। मुख्यमंत्री अबतक पूछताछ में शामिल होने ईडी दफ्तर नहीं पहुंचे। मामला अब कोर्ट में है। हेमंत सोरेन पर एक नहीं चार- चार ऐसे मामले चल रहे हैं जिसमें सीएम फंस सकते हैं। इस वीडियो में हम मुख्यमंत्री पर चलने वाले अबतक के बड़े मामलों का जिक्र करेंगे। समझेंगे कि उन पर कौन- कौन से और कितने गंभीर आरोप हैं।
मुख्यंमत्री हेमंत सोरेन पर रेप का केस
लोकसभा में सांसद निशिकांत दुबे ने कई बार कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री पर बलात्कार का गंभीर आरोप है। बॉलीवुड की स्ट्रगलर अभिनेत्री बताने वाली एक युवती ने कथित तौर पर आरोप लगाया है कि हेमंत सोरेन ने साल 2013 के 5 सितंबर को मुंबई के एक फाइव स्टार होटल में उनके साथ बलात्कार किया था। उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी। 45 दिन बाद उस युवती ने इस कथित घटना की शिकायत मुंबई के एक मेट्रोपोलिटन कोर्ट में की, लेकिन इसके 9 दिन बाद ही उन्होंने अपनी शिकायत वापस ले ली। मामला बंद हो गया। हेमंत सोरेन उस दौरान भी झारखंड के मुख्यमंत्री थे। युवती का 8 दिसंबर, 2020 का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने बांद्रा (मुंबई) पुलिस से इस पूरे मामले की शिकायत करते हुए इसकी फिर से जांच कराने की मांग की है। मामला कोर्ट में है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर लगा यह आरोप बेहद गंभीर है। सांसद निशिकांत दुबे ने इस संबंध में सदन में रिबिका हत्याकांड के समय बयान दिया था जिसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तरफ से आपत्ति जाहिर करते हुए हटा दिया गया। इस संंबंध में हमने ताजा स्थिति जानने के लिए केंद्रीय महासचिव और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य से संपर्क किया उन्होंने कहा कि अभी इस मामले की कोई जानकारी नहीं है।
इस संबंध में कब क्या हुआ यहां समझा जा सकता है।
- साल 2013 में महिला ने हेमंत सोरेन पर रेप का आऱोप लगाया।
- 2013 में ही आरोप लगाने वाली महिला ने बांद्रा कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा वह दायर याचिका को वो वापस लेना चाहती हैं.
- कोर्ट ने महिला को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी थी.
- साल 2020 में उसी महिला ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक और याचिका दायर की. महिला ने याचिका में कहा कि हाल ही में उसका एक एक्सीडेंट हुआ था और उसे शक है कि इसके पीछे सोरेन हैं
- -दिसंबर 2020 में महिला ने कोर्ट में एक और याचिका दायर की. उसने कोर्ट से कहा कि वो केस में अपने वकीलों को बदलना चाहती है.
- 25 दिसंबर 2021 को महिला की तरफ से केस के नए वकीलों ने एक और याचिका की. इस याचिका में कोर्ट से कहा गया कि वो हेमंत सोरेन के खिलाफ ये याचिका भी वापस लेना चाहती है.
- कोर्ट ने महिला की इस याचिका को अस्वीकार कर दिया. कोर्ट ने कहा, इस स्टेज में केस वापस नहीं हो सकता.
- जनवरी 2021 में ही इस मामले में दो और याचिकाएं दायर हुई।
- पहली याचिका झारखंड के पत्रकार (अब बाबूलाल मरांडी के मीडिया सलाहकार) सुनील कुमार तिवारी ने दाखिल किया। दूसरी याचिका स्त्री रोशनी ट्रस्ट की तरफ से दायर हुई। इन दोनों याचिकाओं में कोर्ट से अपील की गई थी कि महिला को केस वापस ना लेने दिया जाए।
- मामला अब ठंडे बस्ते में है। इसे लेकर स्थिति साफ नहीं है कि महिला मुख्यमंत्री पर एक्सीडेंट कराने की साजिश से जुड़ा मामला दर्ज कराया है।
आय से अधिक संपत्ति का मामला
लोकपाल में आय से अधिक संपत्ति का मामला पूरे परिवार के खिलाफ चल रहा है। झामुमो सुप्रीमो और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन और उनके रिश्तेदारों के नाम पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत लोकपाल में हुई है। यह शिकायत 5 अगस्त 2020 को दायर की गयी थी। लोकपाल को किए गए शिकायत में बताया गया है कि शिबू सोरेन और उनके परिजनों ने झारखंड के सरकारी खजाने का दुरुपयोग किया है। भ्रष्टाचार करते हुए जो राशि अर्जित की है, उससे अनेक संपत्तियां बनायी हैं। इन संपत्तियों में कई बेनामी आवासीय और कमर्शियल परिसंपत्तियां भी हैं।
जांच के खिलाफ झामुमो सुप्रीमो और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन ने दिल्ली हाईकोर्ट का रूख किया था। आज दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर चल रही सुनवाई पूरी हो गई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों की दलीलों को सुना और फैसले को सुरक्षित रख लिया है।
आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले की शिकायत पर सुनवाई करते हुए लोकपाल की फुल बेंच ने 15 सितंबर 2020 को सीबीआई को जांच करने को कहा 1 जुलाई 2021 को सोरेन परिवार की संपत्ति का पूरा ब्यौरा, उनके आयकर रिटर्न पर लोकपाल को रिपोर्ट सौंपी थी। इसके आधार पर लोकपाल ने शिबू सोरेन और परिवार के सदस्यों को नोटिस भेजकर उनका पक्ष मांगा था। इसके बाद सोरेन परिवार के सदस्यों से मिले जवाब के आलोक में सीबीआई ने अंतिम पीई रिपोर्ट 29 जून 2022 को लोकपाल के यहां दाखिल की।
अवैध खनन मामला
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बेहद करीबी पंकज मिश्रा के घर से हेमंत सोरेन की बैंक पासबुक और उनकी साइन की हुई चेक बुक मिली थी। एजेंसी का ये भी दावा है कि अब तक उसने अवैध खनन के सिलसिले में एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की हेराफेरी होने की पहचान की है।
साहिबगंज में तीन जगहों से फेरी सेवा के माध्यम से पत्थरों की अवैध ढुलाई कराई गई। इनमें साहिबगंज के गरमघाट से बिहार के कटिहार का मनीहारी घाट, समदा घाट से मनीहारी घाट व राजमहल घाट से बंगाल के मानीकचक घाट में ढुलाई कराने की बात कही गई है। बोकारो के याचिकाकर्ता तीर्थ नाथ आकाश और अनुरंजन अशोक ने तीन सितंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित 20 आरोपियों के खिलाफ स्थानीय मुफ्फसिल थाने में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई है।
जमीन घोटाला
रांची में सेना की कब्जे वाली तकरीबन 4।55 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री गलत तरीके से तैयार किए गए कागजात के आधार पर की गई थी। इस मामले का खुलासा रांची के तत्कालीन आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी ने अपनी एक जांच रिपोर्ट में की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि फर्जी नाम और पते के आधार पर सेना की जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है। रांची नगर निगम ने मामले की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद ईडी ने इसी प्राथमिकी को इसीआईआर के रूप में दर्ज कर जांच शुरू की।
घोटाले में ईडी इन दिनों रांची के बड़े कारोबारी विष्णु अग्रवाल को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। इसके अलावा जेल में बंद झारखंड के चर्चित पावर लायजनर प्रेम प्रकाश से भी बीते हफ्ते ईडी ने दो दिनों तक पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक इस घोटाले में ईडी को कुछ ऐसे साक्ष्य हाथ लगे हैं, जिसके आधार पर वह सीएम से पूछताछ करना चाहती है।
आगे क्या होगा
राजनीतिक बयानबाजी औऱ आरोप प्रत्यारोप एक तरफ लेकिन ये कुछ ऐसे मामले हैं जो अब भी कोर्ट में हैं। कुछ की जांच अब भी जारी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए यह चार मामले गले में फंसी हड्डी की तरह है जिन्हें निगलना या थूकना दोनों मुश्किल पड़ रहा है।
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